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हम जानवरों को स्वयं नहीं मारते तो फिर हम दोषी कैसे?

मांसाहार करने वाला हर व्यक्ति जानवरों को स्वयं नहीं मारता, आप लोग बाजार में पहले से उपलब्ध माँस को खरीद कर खाते हैं। परंतु आपको यह बात समझनी होगी की जब हम माँस की मांग करते हैं तभी वह बाजार में उपलब्ध होता है। माँस  प्राप्त करने का केवल एक ही तरीका है और वो है जानवर को मारना पर एक सभ्य व्यक्ति होने के नाते हम खुद जानवरों को नहीं मारते, पर हम माँस  की मांग बाजार में जरूर पैदा कर देते हैं। तो कोई गरीब खुद का घर चलाने के लिए जानवरों को मारने का गंदा और क्रूर काम करता हैं। जब हम माँस की मांग करते है तो भले ही हम उसके दोषी ना हो परंतु हम उसके जिम्मेदार जरूर हो जाते हैं।

क्या पशु प्रयोग सही है?

हम इंसानों ने हजारों सालों से जो उन्नति की है उसमें प्रयोगों का बहुत बड़ा हाथ रहा है। हमने कुछ सीख के कुछ बनाया और यह सब हम करते ही रहें हैं।

हम मनुष्यों ने प्रगति प्रयोग के साथ ही की है इसलिए हमारी प्रगति के लिए प्रयोग आवश्यक है। परंतु पशुओं पर प्रयोग करना क्योंकि वह कुछ बोल नहीं सकते,खुद के लिए लड़ नहीं सकते या फिर यह एक आसान तरीका है, तो यह सब मत कीजिए यह अनैतिक है। आप सोचे अगर वो उत्पाद इंसानों के लिए है तो उसका इस्तेमाल जानवरों पर करना गलत है क्योंकि पशुओं और हम इंसानों की शारीरिक बनावट बिल्कुल ही भिन्न है और आज विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है कि हमें पशुओं पर किसी भी उत्पाद का परीक्षण करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम वैज्ञानिक मॉडल, एनीमेशन, और सिमुलेशन का उपयोग कर सकते हैं। सिमुलेशन के उपयोग से आप पता कर सकते है की प्रयोग का क्या परिणाम होगा, तो आपको किसी बिचारे जीव पर कोई अत्याचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

इतनी सारी दवाइयां बनती है तो अगर जानवरों पर नहीं, तो क्या उसका टेस्ट इंसानों पर होगा ?

हाँ, हम इंसानों पर दवाइयों का परीक्षण कर सकते हैं और ऐसे परीक्षण में कई लोग भाग लेते हैं परंतु वह इंसान आप से पैसे लेंगे और आपको उनके जीवन और स्वास्थ्य की भी देखभाल करनी होगी। देखा जाए तो इंसानों पर होने वाले टेस्ट यह सही भी होंगे इससे हमें अच्छी तरह से पता चलेगा की किसी दवा का हम पर क्या प्रभाव होगा और अगर आपको इंसानों का परीक्षण नहीं करना है तो कई विकल्प है जिन्हें आप अपना सकते हैं जैसे कि वैज्ञानिक मॉडल, सिमुलेशन। इनमें आपको थोड़े ज्यादा पैसे डालने होंगे और अगर जरूरत हो तो ही परीक्षण करें। आपको आसानी से बिचारे जानवर मिल रहें और ये ना ही कुछ कहेंगे और ना ही कुछ मांगेगे इसलिए आप उन पर परीक्षण कर रहें है फिर तो यह गलत है।